Top Best 3 Real life Inspirational Stories in Hindi

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आज मैं आपके साथ, वास्तविक जीवन में घटी कुछ मशहूर लोगों की सच्ची कहानी शेयर करने जा रहा हूं जिसमें विश्व के महान व्यक्तित्व के जीवन और उनके जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया गया है। इनके जीवन की कहानियों को पढ़कर यह प्रतीत होता है कि प्रतिभा हर व्यक्ति के अंदर होती है लेकिन उस प्रतिभा को बहुत काम लोग ही निखार पते हैं। इन कहानियों से हमें लगातार असफलता के बाद भी संघर्ष करते रहने की प्रेरणा मिलती है। वास्तविक जीवन में घटित इन कहानियों को पढ़ने के बाद आप महसूस कर पाएंगे कि अगर इंसान में चुनौतियों का सामना करने का जज्बा और परिस्थितियों से लड़ने का साहस हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। कोई भी परिस्थितियां चुनौती इंसान को तब तक मजबूर नहीं कर सकती जब तक कि इंसान उसके सामने हथियार ना डाल दे ये रियल लाइफ कहानियां यह बताती है कि बुलंद इंसानी हौसले किसी भी चुनौती के सामने हार नहीं मान सकते हैं।

1. Real life Inspirational Story in Hindi

जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं, वो पूरी दुनिया जीत सकते हैं। दोस्तो आज मैं आपको माइकल जॉर्डन के जीवन की एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि इस कहानी के जरिए आपके अंदर की सभी नकारात्मक सोच खत्म हो जाएगी और आप अपने सपनों को पूरा करेंगे।

कहानी शुरू करने से पहले मैं माइकल जॉर्डन के बारे में थोड़ा सा बता देता हूं। जिस तरह सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान माने जाते हैं, उसी तरह बास्केटबॉल खेल में माइकल जॉर्डन का नाम सबसे पहले आता है।

माइकल जॉर्डन एक अमेरिकी बास्केटबॉल खिलाड़ी हैं, जिन्होंने अब संन्यास ले लिया है। माइकल बहुत ही गरीब घर में पैदा हुए थे। वह और उनका परिवार एक छोटे से झोपड़ी में रहता था। माइकल की सोच हमेशा कुछ बड़ा करने की रहती थी जिससे की उनकी गरीबी की समस्या सुलझ जाए।

जब वह 13 साल के थे तभी उनके पिता ने उन्हें बुलाया और एक पुराना कपड़ा कर बोले कि अच्छा बेटा ये बताओ कि इसकी कीमत कितनी होगी? माइकल थोड़ा सोचने के बाद बोला- यह एक डॉलर का तो होगा।

तभी पिता ने कहा कि कुछ भी करके बाजार जाकर तुम्हें इस कपड़े को दो डॉलर में बेचना है। माइकल ने उस कपड़े को अच्छे से धो दिया, और फिर घर पर स्त्री ना होने के कारण वह उसे ढेर सारे कपड़ों के नीचे सीधा करने के लिए रख दिया।

अगले दिन देखा कि कपड़े पहले से अच्छे दिखाई दे रहे है उसके बाद उसने पास के रेलवे स्टेशन पर जाकर पांच घंटों के मेहनत के बाद कपड़े को बेंच दिया और बहुत खुश होता हुआ घर आया और अपने पापा को पैसे दे दिए।

15 दिनों के बाद पिता ने फिर से उसे वैसी ही एक कपड़ा दिया और कहा कि जाओ इसे 20 डॉलर में बेच कर आओ। माइकल थोड़ा सा आश्चर्य होते हुए बोला। इसके 20 डॉलर कौन देगा? पिता ने कहा एक बार कोशिश तो करो। उसने फिर से अपना दिमाग लगाया और अपने दोस्त की मदद से सहर जाकर उस कपड़े पर मिकी माउस की स्टिकर लाकर लगा दी। और अमीर घर वाले बच्चों की स्कूल के सामने उसे बेचने लगा।

एक छोटे से बच्चे ने अपने पापा से कह कर उसे खरीद लिया। छोटे बच्चे के पिता ने उस कपड़े के पांच डॉलर एक्स्ट्रा टिप भी दिए। इस तरह उसने एक डॉलर की उस कपड़े को पूरे 25 डॉलर में बेचा और खुशी खुशी पापा को घर पर आकर बताया।

कुछ दिनों बाद फिर से उसके पिता ने एक और कपड़ा दिया और इस बार कहा कि बेटा ये लो जाओ इसी दो सौ डॉलर में बेच कर आओ। इस बार तो यह बहुत ज्यादा था। लेकिन माइकल ने कुछ भी नहीं कहा। चूंकि हर बार वह सफल हो जा रहा था। इस बार उसने दो तीन दिनों का समय लिया। उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर वह इसका दाम एक डॉलर से बढ़ाकर 200 डॉलर कैसे करे। अचानक उसके दिमाग में एक आइडिया आया और वह तुरंत सहर चला गया।

उस दिन उस शहर में बहुत ही पॉपुलर एक्ट्रेस आई हुई थी। उसने पुलिस का घेरा तोड़ते हुए उस ऐक्ट्रेस से उस कपड़े पर आटोग्राफ मांगने चला गया। मासूम से बच्ची को देखकर ऐक्ट्रेस मना नहीं कर पाई और, उस एक्ट्रेस ने उस कपड़े पर अपने आटोग्राफ दे दिए।

अगले दिन वह बाजार जाकर उस आटोग्राफ वाले कपड़े को 200 डॉलर में बेचने लगा। और उसको लेने के लिए बहुत सारे लोग इकट्ठा हो गए। भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि उस कपड़े को खरीदने के लिए बोली लगनी शुरू हो गई। और अंत में उस कपड़े को एक पैसे वाले व्यक्ति ने दो हजार डॉलर में खरीद लिया।

जब इस बार वह इतने पैसे लेकर घर पहुंचा और पूरी कहानी अपने पिता को बताई। तो उनकी आँखों में आँसू आ गए और वो बोले, बेटा तू अपनी जिन्दगी में कुछ भी कर सकता है।

इसी बात को याद करते हुए माइकल ने एक इंटरव्यू में कहा कि जहां पर सकारात्मक सोच होती है वहां रास्ते अपने आप बन जाते हैं। दोस्तो नकारात्मक सोच से कभी भी आप सकारात्मक जीवन नहीं जी सकते। इसीलिए हमेशा बड़ा सोचिए, सकारात्मक सोचिए आपका रास्ता खुदबखुद बन जाएगा। ऐसे ही अमेजिंग मोटिवेशनल कहानियां पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और सोशल मीडिया पर भी हमें फॉलो करें।

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2. Real life Inspirational Story in Hindi

एक कोशिश और कर, बैठ ना तू हार कर।
तू है पुजारी कर्म का थोड़ा ओर इन्तजार कर।
विश्वास को दृढ़ बना संकल्प को कृत बना एक कोशिश और कर , बैठ ना तू हार कर।

इस लेख में मैं आपको एक ऐसे महान इंसान की लाइफ स्टोरी बताने वाला हूं जिसे पढ़कर के बाद आपको अपनी लाइफ में आ रही प्रॉब्लम्स बौनी नजर आने लगेंगी।

दोस्तो ये कहानी है अमेरिकी इतिहास के सबसे महान राष्टपति अब्राहम लिंकन की। ये कहानी शुरू होती है 12 फरवरी 1809 को जब इस महान इंसान का जन्म एक झोपड़ी में रहने वाले गरीब परिवार में हुआ और आगे चलकर यही बंदा अमेरिका का सबसे महान राष्टपति बना।

लेकिन इस बंदे के लिए व्हाइट हाउस तक का ये सफर इतना मुश्किलों भरा था कि अगर इसकी जगह कोई और होता तो शायद डिप्रेशन में आकर अपने आपको ही मार डालता। जब ये बंदा मात्र 2 साल का था तब इसके परिवार को एक जमीनी विवाद की वजह से अपना घर छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ा।

दोस्तो आप अंदाजा लगा सकते हो कि अगर एक गरीब परिवार को अपना घर छोड़ना पड़े तो उस पर क्या बीतती है। लेकिन प्रॉब्लम्स इनका पीछा यहां पर भी नहीं छोड़ रही थी। करीब 5 साल वहां पर रहने के बाद फिर से एक जमीनी विवाद के कारण उन्हें वो घर भी छोड़ना पड़ा। और उस वक्त अब्राहम लिंकन की उम्र मात्र 7 साल थी। उस जगह को छोड़ने के बाद वो और उनका परिवार इंडियाना में एक नदी के किनारे रहने लगा जहां पर लिंकन के पिताजी खेती भी करने लगे

दोस्तो यहां तक तो फिर भी ठीक था लेकिन जब ये बंदा 9 साल का था तब एक बीमारी की वजह से इसकी मां की डेथ हो गई और यहां से शुरू होता है इस बंदे की लाइफ का वो दौर जहां पर कमजोर लोग टूटकर बिखर जाते हैं। इस बंदे को किताबें पढ़ने का बहुत शौक था। ये बंदा पढ़ना चाहता था लेकिन अपने पिता के क्रूर स्वभाव की वजह से सिर्फ कुछ दिन ही स्कूल जा पाया। इसके पिता चाहते थे कि ये उनका काम में हाथ बढ़ाए। इस बंदे ने खुद की एक नाव बनाई और लोगों का सामान एक किनारे से दूसरे किनारे पर ले जाने का काम करने लगा और बचे हुए टाइम में लोगों के खेतों में काम करके पैसे कमाता।

कई दिनों तक काम करने के बाद उस बंदे को एक दुकान में नौकरी मिली और वहीं पर काम करते करते उस बंदे ने बिना किसी कॉलेज के खुद के दम पर लॉ की पढ़ाई। कुछ दिनों के बाद उसे गांव में पोस्ट मास्टर की जॉब मिल गई। कई दिनों तक पोस्ट मास्टर की जॉब करने के बाद वहां के लोगों की परेशानियों को देखते हुए उसने राजनीति में आने का सोचा और उस बंदे ने विधायक का चुनाव लड़ा लेकिन बुरी तरह हार गया।

साथ ही पोस्ट मास्टर की जॉब छोड़ने की वजह से पैसे भी खत्म हो चुके थे। जिस लड़की से वो शादी करना चाहता था एक बीमारी की वजह से उसकी भी डेथ हो गई। सब कुछ उस बंदे के खिलाफ था। ये बंदा इतना डिप्रेशन में चला गया कि अपने आपको चाकू छुरियां से दूर रखने लगा। इसलिए कि कहीं वो खुद को ही न मार ले। लेकिन वो बंदा अपने दोस्त की मदद से एक बार फिर विधायक का चुनाव लड़ा और जीत गया। साथ ही उस बंदे ने जो लॉ की पढ़ाई की थी उसकी वजह से वो गरीब लोगों का केस फ्री में लड़ने लगा और करीब 20 साल तक वकालत की।
लेकिन दोस्तो परेशानियां अभी भी खत्म नहीं हुई थी। जिंदगी एक के बाद एक थप्पड़ मारती जा रही थी। 1842 में इस बंदे ने शादी की। उसके बाद इसके चार बेटे हुए लेकिन उनमें से सिर्फ एक ही जिंदा रहा क्योंकि तीन साल की उम्र में उसके पहले बेटे की डेथ हो गई। 11 साल की उम्र में दूसरे बेटे की डेथ हो गई और 18 साल की उम्र में चौथी बेटे की डेथ हो गई। सिर्फ एक बेटा जिंदा रहा ये बंदा हर तरह से हार जाता लेकिन हार नहीं मान रहा था।

इसलिए वार्ड मेंबर का चुनाव लड़ा लेकिन हार गया। उसके बाद खुद का बिजनेस शुरू किया, फेल हो गया। उसके बाद इस्टेट रजिस्ट्रार का चुनाव लड़ा, हार गया। एक बार फिर नया बिजनेस शुरू किया लेकिन फिर से फेल हो गया। 36 साल का था तो नर्वस ब्रेक डाउन हो गया। सात साल बाद कोंग्रेस के लिए चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गया। पांच साल बाद फिर कोशिश की लेकिन फिर से हार गया। 55 साल की एज में एक बार फिर चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गया। एक साल बाद फिर से वाइस प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ा लेकिन फिर हार गया। 59 साल की एज में एक बार फिर चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार मिली।

यार इतनी बार हारने के बाद अच्छे अच्छे धुरंधर भी टूटकर बिखर जाते हैं। लेकिन ये बंदा भी शायद एक ही जिद पकड़कर लड़ रहा था कि जब तक जिंदा हूं लड़ता रहूंगा। और शायद यही कारण था कि इतनी बार हारने के बाद भी ये बंदा एक बार फिर कोशिश करने के लिए तैयार था। 1860 में इस बंदे ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और अमेरिका का सोलहवां राष्टपति बन गया। आखिर हार भी कब तक हारती इस बंदे को जो हार मानने को तैयार ही नहीं था। राष्ट्रपति बनने के बाद अब्राहम लिंकन ने बहुत से बड़े काम किए जिनमें से सबसे बड़ी प्रॉब्लम दास प्रथा को उन्होंने हमेशा के लिए खत्म कर दिया।

लेकिन 14 अप्रैल 1865 को अब्राहम लिंकन अपनी पत्नी के साथ एक थियेटर में नाटक देखने गए थे जहां पर एक अभिनेता ने उनको गोली मार दी और 15 अप्रेल अठारह सौ पैंसठ हो को इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करवा कर इस दुनिया से चली गए। दोस्तो हारना बुरी बात नहीं है लेकिन हार मानकर बैठ जाना बहुत बुरी बात है।

3. Real life Inspirational Story in Hindi

अगर आप बहुत सारा पैसा कमाना चाहते हैं और अमीर बनना चाहते हैं, तो इस दुनिया में उस इंसान से दोस्ती कीजिए जो आपसे बेहतर है। उस इंसान के साथ रहिए जिसका बिहेवियर आप से बेहतर है और आपसे अच्छा है। ऑटोमैटिकली आप आगे की तरफ बढ़ते चले जाएंगे अमीर बनते चले जाएंगे। ये कहना है दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में से एक वारेन बफेट का, जिन्होंने एक वक्त में बर्कशायरहैथवे नाम की कंपनी के शेयर खरीदे थे और धीरे धीरे उस कंपनी के मालिक बन गए।

 बर्कशायर हैथवे आज वो फर्म है, जिसके अंडर में 60 कम्पनियां है और वॉरेन बफेट की नेटवर्थ 10 हजार 110 करोड़ यूएस डॉलर से भी ज्यादा है। 

आप सोचेंगे कितने अमीर बने कैसे? क्या इनक़ी लाइफ का फंडा? क्या ये मानते हैं जिंदगी में जिसकी वजह से इतनी आगे चलकर के आ गए, इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंच गए। आज हम बात करेंगे वारेन बफेट की 5 लर्निंग्स की।

  1. उम्र सिर्फ एक संख्या है(Age is just a number)

 मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि जब आप 13 साल के थे तो आप क्या कर रहे थे? अपने पापा से बैट के लिए डिमांड कर रहा था कि एक अच्छा सा बैट दिला दो। 13 साल की उम्र में वारेन बफेट ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया था। उम्र का और समझदारी का आपस में कोई रिश्ता नहीं होता है। कई बार बच्चे इतनी समझदारी भरी बात करते कि बड़े नहीं कर पाते और कई बार बड़े बड़े लोग इतनी बेवकूफी वाली बात कर देते कि बच्चे भी उस बात को समझाते हुए कहते है क्या बात कर रहे है।

 तो उम्र  सिर्फ एक नंबर है। जब 11 साल की उम्र में बफेट ने स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करना शुरू कर दिया था। उन्होंने और उनकी सिस्टर डोरिस ने सिटी सर्विसेस के तीन शेयर खरीदे थे। उस समय इनके पास में 120 थे वो शेयर्स इनको 38.25 डॉलर पड़ा था। जैसी उस शेयर का प्राइस 40 डॉलर्स हुआ इन्होंने बेच दिया और कुछ ही टाइम के बाद में उसी शेयर का प्राइस 202 डॉलर हो गया। वो 11 साल की उम्र में इनको जिंदगी का सबसे बड़ा पाठ सीखने को मिला था कि स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना है तो  धैर्य रखना बहुत ज्यादा जरूरी है। जबकि 13 साल के वे तो न्यूजपेपर डिलीवर करना शुरू किया, मैग्जीन्स बेचना शुरू किया कुल मिला करके बहुत कम उम्र में ही वो बिजनेसमैन वाला जो माइंड है वो डवलप कर चुके थे।

” यदि आप उन चीजों को खरीदते हैं जिनकी आपको जरूरत नहीं है तो बहुत जल्दी आपको इन चीजों को बेचना पड़ेगा जिनकी आपको जरूरत है। “

वॉरेन बफेट की यह फेमस लाइन हमें बताती है कि लाइफ में अपनी जरूरतों पर खर्चा कीजिए इच्छाओं पर नहीं।

2- सादगी कुंजी है(Simplicity is the key)

सादा जीवन जीना शुरू कर दीजिए लाइफ बहुत आसान हो जाएगी। कितने सिम्पल हैं वॉरेन बफेट ये मैं आपको बताता हूं, यह आज भी उसी घर में रहते हैं जो 50 साल पहले उन्होंने खरीदा था। बहुत समय पहले तक वो फ्लाइट में इकॉनमी क्लास में ट्रैवल करते थे। लेकिन अन्य यात्रीगण उनसे एडवाइज और  टिप्स मांगते थे तो इसलिए फाइनली उन्होंने अपने खुद के प्राइवेट जेट खरीद लिया। इतने सिम्पल है कि अपने अपने सिक्योरिटी गार्ड्स नहीं रखते। यहां तक कि अपनी गाड़ी को भी खुद ही ड्राइव करते हैं।

 उनका मानना है कि उन चीजों पर खर्च क्यों करना जो काम हम खुद कर सकते हैं। उसके लिए किसी और आदमी को रखना ही क्यों?

3- Don’t do calculated risk do industry search

वो कहते है ना अधजल गगरी छलका जाए। वॉरेन बफेट का मानना है कि रिस्क लाइफ में तभी आती है जब हम जो काम करना है उसके बारे में हमें पूरी जानकारी नहीं है। इनके पिता जी श्री हार्वड बफेट,स्टॉक मार्केट में बड़े इन्वेस्टर थे और एडवाइजर थे। तो ये कहना गलत नहीं कि अपने पिता से उन्होंने वो इन्वेस्टमेंट का जो गुण था, जो कला थी उनको विरासत में मिली थी। लेकिन ये फादर की वजह से सक्सेसफुल नहीं हुए.

बफेट कहते हैं कि मैं लाइफ में जो कुछ प्राप्त कर पाया उसके पीछे उसका सारा क्रेडिट जाता है मेरे प्रोफेसर बेंजामिन ग्राहम को, जो कि अपने समय के बड़े इनवेस्टर थे।  उनके यहां पर वारेन बफेट ने काम भी किया उनकी फर्म में दो साल के बाद में रिटायर हो गए और बफेट ने वहां से काम छोड़ दिया लेकिन वो सारे इंवेस्टमेंट गुण जो उन्होंने बेंजामिन ग्राहम से सीखे थे, उनको फॉलो करते चले गए और आज दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में एक नाम वॉरेन बफेट का है।

जो मार्केट का सही ट्रेंड है,उसको देखकर के डिसिजन लेना ये हमें सिखाते हैं वॉरेन बफेट

 4- बड़े काम के लिए बड़ी सोच की जरूरत होती है।(Big work requires big thinking.)

 वॉरेन बफेट जब 15 साल के थे उन्होंने देखा कि सैलून के बाहर काफी भीड़ लग रही है। काफी लोग इन्तजार कर रहे है बाल कटवाने का।  तो लोग कैसे इंगेज रखा जाए इस पर उनके दिमाग में एक आइडिया आया। इन्होंने अपने दोस्त की मदद से पार्टनरशिप में पिन बॉल खरीदा और वो उस सैलून के बार पार्टनरशिप में रखवा दिया। वो आइडिया इतना कमाल का रहा कि जो लोग बाल कटिंग के लिए आते थे वो पिनबॉल में बिजी हो जाते थे। उसके बाद उनको याद ही नही रहता था कि कितना टाइम हुए। आइडिया इतना क्लिक किया कि इन्होंने बहुत जल्दी 3 पिनबॉल गेम्स खरीद लिए और ये उनके मालिक बन गए। वॉरेन बफेट कहते हैं कि मैं दुनिया में सबसे अमीर बनने जा रहा हूं ये बात मुझे बचपन से मालूम थी और मैंने अपनी जिन्दगी में एक मिनट के लिए इस बात पर कभी शक नही किया।

वॉरेन बफेट जब 6 साल के थे चुइंगम पैक्स बेचा करते थे। एक बार अपने दादाजी की दुकान से उन्होंने छह कोका कोला की बॉटल्स खरीदी थीं। 25 सेंट में और घर घर जाकर के पांच पांच में बेची थी। 30 इनको मिले थे यानी की कुल मिलाकर पांच सेंकेंड को प्रॉफिट हुआ था। ऐसा तब किया था जब ये सिर्फ छह साल के थे। ऐसा नहीं की वारेन बफेट की लाइफ में सिर्फ सक्सेस ही मिली या हमेशा जीतते चले गए। ऐसा नही है, वॉरेन बफेट को रिजेक्शन का भी सामना करना पड़ा। हार्वर्ड स्कूल ने इन्हें रिजेक्ट कर दिया था। एक तरीके से इनके  लिए शायद ये ठीक रहा क्युकी ये उस वक्त के सबसे जो कमाल इन्वेस्टर थे बेंजामिन ग्राहम, उनके बारे में पढ़ रहे थे। उनके बारे में जानना चाहते थे। इन्हे मालूम चला कि वो कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं तो ये हावर्ड की जगह कोलंबिया यूनिवर्सिटी गए और बेंजामिन ग्राहम का गाइडेंस इन्हें मिला। जिनकी वजह से ये आज दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में गिने जाते हैं।

#5 एक सफल इंसान बनने के लिए इंसानियत बनाए रखें।(Maintain humanity to become a successful person)

 वॉरेन बफेट कहते हैं कि इस दुनिया में आपने कितना पैसा कमाया इम्पोर्टेंट नहीं है उस पैसे का आपने किया? कहां इन्वेस्ट किया? ये सबसे इम्पॉर्टेंट है। वॉरेन बफेट जोकि दुनिया के सबसे अमीर इंसानों में गिने जाते हैं, वह इसलिए फेमस नहीं कि उनके पास बहुत पैसा है। वो इसलिए फेमस हैं कि उन्होंने द गेट्स फाउंडेशन जो कि बिल गेट्स और उनकी वाइफ की फाउंडेशन है, उसमें अपनी प्रॉपर्टी का 85 प्रतिशत हिस्सा डोनेट कर दिया है। जब उन्होंने डोनेशन दिया था तो कहते है कि मेरी लाइफ का सबसे समझदारी भरा इन्वेस्टमेंट है। क्योंकि इसमें लाखों जिंदगियों को बदलने जा रहा हूं। इस पैसे से उन लोगों की मदद होगी जिनकी जिन्दगी में मुश्किलें हजार हैं। वॉरेन बफेट से सिर्फ ये समझिए ये सीखिए कि अगर आप उन 1 प्रतिशत लोगों में आते हैं जिनके अंदर इंसानियत बाकी है, तो आप बाकी के 99 प्रतिशत लोगों में इंसानियत वापस से जिन्दा कर सकते हैं।  जाते जाते वॉरेन बफेट का निकनेम जिस नाम से उन्हें दुनिया जानती है, मनी मैग्नेट है।

 जहां इनवेस्ट करते हैं मनी उनसे चुम्बक की तरह चिपकी चली आती है।  उनकी उम्र नब्बे साल से ज्यादा है। वो कहते हैं कि अगर आप मेरी उम्र तक पहुंच गए और लोग आपके बारे में अच्छी बातें नहीं करते तो मैं ये मुझे इस बात से परवानी कि आपके पास में कितना बैंक बैलेंस है। मेरी नजर में आप अच्छे इंसान नहीं है। अच्छा काम करते चलिए बफेट जी का यही कहना है। पैसा अपने आप आपकी तरफ आता जाएगा एक्सीलेंस को फॉलो कीजिएगा। पैसा आपकी झोली में अपने आप आता चला जाएगा।

 

 

 अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो और इसमें से कुछ खास आप ने प्राप्त किया हो तो हमें कमेंट में अवश्य बताएं।


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